कल दिखाई देगा सुपर मून, घटेगा कोरोना वायरस का प्रकोप


 


 


लखनऊ। आठ अप्रैल को आकाश में सुपरमून जैसी अद्भुत खगोलीय घटना घटित होने जा रही है। सुपरमून का आकार सामान्य से बड़ा और चमकीला होगा। इस दिन हम सबके प्यारे चंदा मामा पृथ्वी के सबसे ज्यादा नजदीक होंगे। लॉकडाउन में बोरियत महसस कर रहे लोग सुपर मून के दीदार कर रोमांच का अनुभव करते हुए सेल्फी ले सकेंगे। इंदिरा गांधी नक्षत्र शाला के वैज्ञानिक अधिकारी सुमित श्रीवास्तव ने बताया कि 7 अप्रैल को रात 1138 पर चंद्रमा पृथ्वी के सबसे ज्यादा करीब होगा। इस समय पर चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी मात्र 356900 किलोमीटर रह जाएगी। चांद की यह स्थिति पेरिगी की स्थिति कहलाती है। सामान्य रूप से पृथ्वी की चंद्रमा से दूरी 384400 किमी मानी जाती है। वहीं चन्द्रमा की पृथ्वी से सबसे ज्यादा दूरी होने पर ये दूरी लगभग 405696 किमी मानी जाती है जिसे अपयोगी की स्थिति कहते हैं। सुमित ने बताया कि चंद्रमा की पेरिगी की स्थिति में पूर्णिमा पड़ जाए तो हमें सुपरमून दिखाई देता । एक साल में न्यूनतम 12 पूर्णिमा पड़ती है लेकिन ऐसा कम होता है कि पेरिगी की स्थिति में पूर्णिमा भी पड़े। वर्ष 2020 का सबसे बड़ा व चमकीला होगा चंद्रमा: चंद्रमा के पेरिगी स्थिति में पहुंचने के ठीक 8 घंटे और 35 मिनट के बाद चंद्रमा की पूर्णिमा की अवस्था आएगी। 8 अप्रैल को वर्ष का सबसे बड़ा और चमकीला चंद्रमा होगा। ये सामान्य से 14 फीसदी बड़ा और 30 फीसदी ज्यादा चमकदार नजर आएगा। सूर्यास्त के तुरंत बाद लोग पूरी रात इसके नजारे देख सकेंगे। भारत में कैसे देखें सुपरमून: सुपरमून 8 अप्रैल को दोपहर 2:35 बजे जीएमटी ( भारतीय समयानुसार सुबह 805 बजे) पर दिखाई देगा। दुर्भाग्य से भारत में लोग इस घटना को नहीं देख पाएंगे, क्योंकि उस समय यहां सुबह के 8 बज रहे होंगे और रोशनी ज्यादा होगी। हालांकि, देश में सुपरमून देखने के इच्छुक लोग इस इवेंट को ऑनलाइन लाइव देख सकते हैं। Slooh इस सुपरमून घटना को अपने YouTube चैनल पर लाइव स्ट्रीम करेगा। सुपर मून से कोरोना का दुष्प्रभाव कम होगाः ज्योतिर्विज्ञान विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय के ज्योतिषविद् डॉ. विपिन पांडे ने बताया कि पृथ्वी पर स्थित समस्त औषधियां चंद्रमा से ऊर्जा प्राप्त करती हैं। इसीलिये चंद्रमा को औषधिपति कहा जाता है। शुक्ल पक्ष के आरम्भ के साथ क्रमशः चंद्रमा का बल बढ़ता जाता है। पूर्णमासी को चंद्रमा सर्वाधिक प्रभावशाली हो जाता है। सुपरमून की स्थिति में चंद्रमा पूर्णमासी से भी अधिक बलशाली होते । कोरोना पर भी चंद्रमा की सुपरमून अवस्था का प्रभाव पड़ेगा। इसके साथ ही 14 अप्रैल को सूर्य मेष राशि में जाएंगे तब कोरोना की स्थिति में नियंत्रण होना शुरू हो जाएगा। 14 मई को सूर्य वृष राशि में गोचर करेंगे। वृष राशि स्थिर राशि होती है, इसलिए कहा जा रहा है कि 14 मई को कोरोना का प्रकोप भारत में रुक जाएगा।